जितना वह रिश्तों को समेटने की कोशिश करती। उतने ही वे बिखरते जा रहे थे जितना वह रिश्तों को समेटने की कोशिश करती। उतने ही वे बिखरते जा रहे थे
बेटा देर सवेर ही सही लेकिन सबको अपनी करनी का फल मिलता जरुर है ! बेटा देर सवेर ही सही लेकिन सबको अपनी करनी का फल मिलता जरुर है !