सबकुछ ख़तम चारो और मातम ही मातम कहे भी तो किसे अंधे गूंगे बहिरे सारे। सबकुछ ख़तम चारो और मातम ही मातम कहे भी तो किसे अंधे गूंगे बहिरे सारे।