शोचनीय विषय है ये कि क्या हमारी बेटियाँ और बहने घरों में सुरक्षित हैं? शोचनीय विषय है ये कि क्या हमारी बेटियाँ और बहने घरों में सुरक्षित हैं?
जैसा भी है आखिर उसका पति है और उसकी बेटियों का पिता। जैसा भी है आखिर उसका पति है और उसकी बेटियों का पिता।
जीवन में रिश्तों की गरिमा को नकारा नहीं जा सकता। जीवन में रिश्तों की गरिमा को नकारा नहीं जा सकता।