पाँच हज़ार लेकर वह सुभाष के पास चल दिया। पाँच हज़ार लेकर वह सुभाष के पास चल दिया।
पिता जी दोपहर में दादी का लकड़ी वाला सन्दूक आंगन में निकाल कर कपड़े से झाड़ रहे थे । एक तर पिता जी दोपहर में दादी का लकड़ी वाला सन्दूक आंगन में निकाल कर कपड़े से झाड़ रहे थे ...
उसे लगा कि वह तो मेरा नहीं है तो मैं उस चीज़ को क्यों उठाऊँ। उसे लगा कि वह तो मेरा नहीं है तो मैं उस चीज़ को क्यों उठाऊँ।
चोर की दाढ़ी में तिनका कहावत की शुरूआत हुई थी। चोर की दाढ़ी में तिनका कहावत की शुरूआत हुई थी।
दादा जी के जाने के बाद अकेले ही बच्चों की परवरिश करके यही धन जमा कर पाई थीं... दादा जी के जाने के बाद अकेले ही बच्चों की परवरिश करके यही धन जमा कर पाई थीं...