अब मेरी कशिश न खींच पाएगी तुझे तुझे रास आ गयी दुनिया मैं बुत बनकर बैठी रही तुझे भा गयी गेर पगडं... अब मेरी कशिश न खींच पाएगी तुझे तुझे रास आ गयी दुनिया मैं बुत बनकर बैठी रही त...