दफ्तर में उड़ती-उड़ती खबर थी कि सुवर्णा और अमित के बीच कोई खिचड़ी पक रही है। दफ्तर में उड़ती-उड़ती खबर थी कि सुवर्णा और अमित के बीच कोई खिचड़ी पक रही है।
वह लकडियाँ काटता उनके गठ्ठर बनाता और उन्हें शहर बेचने ले जाता। माल ट्रकों पर लदवाता और उन्हें सही जग... वह लकडियाँ काटता उनके गठ्ठर बनाता और उन्हें शहर बेचने ले जाता। माल ट्रकों पर लदव...
मैं जानता हूँ की किसी अमूल्य चीज के खोने का मतलब क्या होता है?और वो भी माँ की दी हुई –ये भी जानता ह... मैं जानता हूँ की किसी अमूल्य चीज के खोने का मतलब क्या होता है?और वो भी माँ की द...
दोनों चीख रही थीं। चहचहा रहीं थीं। गा रही थीं।पूरे जंगल में पंख फैलाए उड़ रही थीं। जंगल के सारे जानवर... दोनों चीख रही थीं। चहचहा रहीं थीं। गा रही थीं।पूरे जंगल में पंख फैलाए उड़ रही थीं...
यह कहानी है एक आस्था और विश्वास की,जिसमें प्रकृति के ही एक रूप कुएं और पथिक के माध्यम से ईश्वर पर वि... यह कहानी है एक आस्था और विश्वास की,जिसमें प्रकृति के ही एक रूप कुएं और पथिक के म...
और आशाएँ उसका मनोबल बढ़ा रही थी, वह खुश था कि वह जल्दी ही अपने घर जाएगा। और आशाएँ उसका मनोबल बढ़ा रही थी, वह खुश था कि वह जल्दी ही अपने घर जाएगा।