देश को तुम्हारी ज़रूरत है, मौन क्यों हो ? कुछ तो बोलो... जनता अपनी आखें खोलो...। देश को तुम्हारी ज़रूरत है, मौन क्यों हो ? कुछ तो बोलो... जनता अपनी आखें खोलो...।
ये स्थितियां जिन्हें समझ में आ गईं हैं उनका अभिनंदन है ये स्थितियां जिन्हें समझ में आ गईं हैं उनका अभिनंदन है
एक साधारण व्यक्ति और एक भिखारी की कहानी,और हमारे समाज में फैले हुए बड़े बुजुर्गों पर हो रहे अत्याचार ... एक साधारण व्यक्ति और एक भिखारी की कहानी,और हमारे समाज में फैले हुए बड़े बुजुर्गों...