हर वक्त अपने आप पर गूरूर हर वक्त अपने आप पर गूरूर
अब मैं यह सोचता कि किसी तरह इस महामंदी में कम से कम कुछ तो बिके अब मैं यह सोचता कि किसी तरह इस महामंदी में कम से कम कुछ तो बिके