इस प्रोसेस में न जाने कितने झरोखों को बंद करती जाती है खोलते जाती है.... इस प्रोसेस में न जाने कितने झरोखों को बंद करती जाती है खोलते जाती है....
अब इसमें गलती किस की है आरोही की या विमान अब इसमें गलती किस की है आरोही की या विमान
पर कम्बख़्त ये नींद भी ना.. जिस दिन जल्दी उठना होता है उसी दिन जमकर नींद आती है। पर कम्बख़्त ये नींद भी ना.. जिस दिन जल्दी उठना होता है उसी दिन जमकर नींद आती है।