छाजू सोचने लगता जाएं तो जाएं मेरी बला से, आखिर इसमें मेरी पत्नी का क्या दोष छाजू सोचने लगता जाएं तो जाएं मेरी बला से, आखिर इसमें मेरी पत्नी का क्या दोष