आंसू पोंछो, हंसो तो, यह लो खाओ रसमलाई। अब तो थोड़ा हंस दो भैया। आंसू पोंछो, हंसो तो, यह लो खाओ रसमलाई। अब तो थोड़ा हंस दो भैया।
जैसे जैसे स्कूल पास आ रहा था, मिली डर से कांप रही थी जैसे जैसे स्कूल पास आ रहा था, मिली डर से कांप रही थी
जब हम समाज को नहीं बदल सकते तो खुद को बदलना ही बेस्ट है जब हम समाज को नहीं बदल सकते तो खुद को बदलना ही बेस्ट है