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Nitu shivanshita

Others

4.0  

Nitu shivanshita

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ये साथ हमारा

ये साथ हमारा

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 रोहन को कुछ समझ नही आ रहा था, वो क्या करे ऑपरेशन थियेटर की रेड लाइट देख रोहन की धड़कन तेज हो जाती ,सोनिया रोहन की जिंदगी है जब से रोहन सोनिया से शादी किया तब से उसके घर परिवार सभी उसके खिलाफ हो गए ,रोहन भी अपने परिवार को नाराज कर शादी नही करना चाहता था। ,पर परिस्थिति ने उसे मजबूर कर दिया ,सोनिया और रोहन के जिंदगी में एक नन्हा सा मेहमान दस्तक देने वाला था ,और समय इतना नही था की वो किसी से कोई सहमति ले ,फिर दोनो को विवाह करना पड़ा ।

सोनिया के पिताजी की मृत्यु के बाद जयाजी के जीवन का एक मात्र सहारा सोनिया ही थी सोनिया को देख वो अपने जीवन का हर गम भूल जाया करती थी। इसीलिए वो सोनिया के हर खुशी में खुद की खुशी ढूंढती थी ,पर किस्मत हर समय साथ नही देती , शहर में उस दिन भूकंप के झटके ने सोनिया और रोहन की जिंदगी में तबाही ला दिया ,भूकंप का झटका ज्यादा तेज नही था ,किसी और को कोई नुकसान नही हुआ,बस सोनिया छत पे कपड़ा सुखा रही थी ,और भूकंप का शोर सुन दौर पड़ी और उसका पैर सीढ़ियों से फिसल गया ,और उसे ऑपरेशन थियेटर तक पहुंचा दिया ,सोनिया के शरीर से काफी खून निकल चुका था ,और उसे बचाने के लिए ब्लड डोनर की तलाश थी ,उसका ब्लड ग्रुप भी ओ पॉजिटिव निकला, हॉस्पिटल स्टाफ खोज में लगे हुए थे ,पर समय निकलता जा रहा था । रोहन हिम्मत हार चुका था , जयाजी का भी दिल बैठा जा रहा था ,अब वो अपना उम्मीद खोने लगी थी ,तभी डॉक्टर वहां आता है और रोहन से कहता है ,मुबारक हो आपका बेटा बिलकुल आपके जैसा है ,और सोनिया खतरे से बाहर है ,डॉक्टर की बातों पे यकीन करना उन दोनो के लिए मुस्किल हो रहा था ,उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे यह एक सपना है ,और अगर हकीकत यही है तो ये चमत्कार है ईश्वर का ,रोहन के आंखों से खुशी के आंसु छलक पड़ता है ,और डॉक्टर से कहता है डॉक्टर आप महान है आप सच में भगवान का दूसरा रूप है इस दुनिया में ,डॉक्टर रोहन का हाथ थाम उससे कहता है ,भगवान का रूप मै नही और नही मै महान हूं ,महान तो वो लोग है इस दुनिया में जिसके अंदर इंसानियत है ,और ऐसे ही एक नेक आदमी ने आपकी मदद की और आपके परिवार की रक्षा की ,जयाजी उत्सुकता से पुछ पड़ती है ,डॉक्टर मुझे उनको धन्यवाद करना है कहां है वो मुझे मिलना है उनसे ,डॉक्टर जयाजी को उनके पास लेके जाता है ,

जहां वो रेस्ट कर रहे थे ,जयाजी उन्हे देखती और जैसे ही देखती है बस उसके आंखों से आंसु गिरने लगता है,और अचानक से उसे याद आया ये तो शिवनारायण जी है जिनकी पत्नी का कुछ महीने पहले एक्सीडेंट हो गया था तो जयाजी ही उन्हें अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई थी ,और उनके घरवालों को उनकी खबर दी थी,तब से शिवनारायण जयाजी का कर्जदार हो गया था ,और आज वो जब जयाजी के घर के तरफ किसी काम से गया तो उन्हे पता लगा की उनके साथ ये सब हुआ है ,वो अस्पताल जयाजी का दुख बांटने आए ,पर यहां आकर पता लगा की उनको 

ब्लड की जरूरत है और शिवनारायण का ब्लड ओ पॉजिटिव है वो बिना देर लगाए डॉक्टर से मिल उनकी मदद कर दिया ,आज ईश्वर का रूप साक्षात उनकी मदद के लिए आया था जयाजी को ऐसा ही महसूस हो रहा था ,तभी रोहन आ पहुंचता है और शिवनारायण को देख उसके कदम ठिठक पड़ता है और उसके पांव के नीचे से जमीन खिसक जाती है ,शिवरनारायण भी उसे देख उठ बैठता है और उसे देखता ही रहता है ,रोहन शिवरनारायण का बेटा है रोहन अपने पिताजी के समीप पैर पकड़ बैठ जाता है और कहता है ,पिताजी आप अब तक नाराज है मुझसे , प्लीज मुझे माफ कर दीजिए मैं अपने हालातों से मजबूर था ,पिताजी बोल पड़ते है इतना मजबूर था कि तुमने एक बार भी फोन से नही पूछा की मां कैसी है पिताजी कैसे है मैने कहा सारा रिश्ता खत्म हो गया तुमसे तो तुमने भी जोड़े रखने की कोई कोशिश नही की और सब कुछ खत्म कर चले गए अपने अलग दुनिया बसाने ,तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारी मां मुझसे लड़ाई कर घर छोर के चली गई और शाम को खबर मिला की वो अस्पताल में है ,सोचो मुझपे क्या बीती होगी उस दिन पर तुम्हे क्या मतलब हमलोग जिए या मरे रोहन पिता के गोद में सर रख फूट _फूट कर रोने लगता है ,जयाजी रोहन के पिता से बड़ी विनम्रता से कहती है मेरी बेटी ही आपकी बहू है पर कसम भगवान की मुझे इस बारे में कुछ पता नहि था ,मै ये नही जानती थी ,रोहन केवल यह बताया की उसके माता पिता इस शादी की वजह से उनसे सारा रिश्ता तोड़ लिए है ,बस मै इतना ही जानती हूं ,शिवनारायण बोल पड़ता है आप शर्मिंदा न हो जयाजी ये आज कल के बच्चे है अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीना चाहते हैं, मां बाप की खुशी के बारे में कौन सोचे ,जयाजी बच्चे को गोद में उठा शिवनारायण को देकर कहती है आपका बचपन अब आपके आंगन में गूंजेगी,पोते को देख उसकी आंखे खुशी से छलक पड़ती है और दिल फूले नही शमा रहा था ,उसने सभी को फोन कर अस्पताल बुला लिया और रोहन को गले से लगा लिया , जयाजी ईश्वर को धन्यवाद देते हुए नही थक रही थी।


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