दिनेश कुमार कीर

Children Stories Inspirational Thriller

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दिनेश कुमार कीर

Children Stories Inspirational Thriller

तोता और कौआ

तोता और कौआ

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एक समय की बात है। एक छोटे से गाँव में दो भाई रहते थे। जहाँ एक भाई दयालु और शांत स्वभाव का था वहीं दूसरा भाई झगड़ालू और ईर्ष्यालु स्वभाव का था। एक भाई ने एक तोता (कीर) पाल रखा था तो उसे देखकर दूसरे भाई ने भी एक कौआ पाल लिया। 


एक दिन एक भाई ने तोता को चुल्हा जलाने के लिए सुखी टहनियाँ लाने जंगल भेजा, उसे देखकर दूसरे भाई ने भी कौए को टहनियाँ लाने के लिए जंगल भेजा। 


वे दोनों जंगल में सुखी टहनियाँ तोड़ रहे होते हैं तभी तोता के पैर में कैर का कांटा चुभ जाता है। कौआ, तोते को जंगल में छोड़कर अकेला ही घर चला जाता है। 


अब तोते ने सड़क पर बैठ कर गाड़ी का इंतजार करने लगता है, और कहने लगता है - "कांटो लाग्यो कैर को पग दुखे कीर (तोता) को, कांटो लाग्यो कैर को पग दुखे कीर (तोता) को" तभी वहाँ एक बैलगाड़ी वाला किसान) आ जाता है और रुकता है व बैलगाड़ी में बैठने को कहता है। तोते ने पूछा कि आपकी गाङी में क्या सामान रखा है? वह उत्तर देता है कुल्हाड़ी, कस्सी, जई और अन्य औजार। चोट लग जाने के डर से बैठने के लिए मना कर देता है। बैलगाड़ी वाला भी वही से चले जाता है। 


तोता वही रहता और फिर कहता है - "कांटो लाग्यो कैर को पग दुखे कीर (तोता) को, कांटो लाग्यो कैर को पग दुखे (तोता) को" फिर वहाँ एक ऊंठगाङी वाला (भवन निर्माण वाला) रुकता है तोता पूछता है कि गाङी में क्या है? वह उत्तर देता है कंकड़, पत्थर, बजरी। गंदा हो जाने के डर से तोता उसे भी मना कर देता है। 


तोता एक बार फिर कहता है - "कांटों लाग्यो कैर को पग दुखे कीर (तोता) को, कांटों लाग्यो कैर को पग दुखे कीर (तोता) को" इस बार वहाँ एक सुनार रुकता है तोता पूछता है आपकी गाङी में क्या है? वह उत्तर देता है सोना, चांदी, मोती। तोता उसकी गाड़ी में बैठ जाता है। रास्ते में तोता अंगड़ाई लेने के लिए अपने पंख फैलाता है तो कुछ सोना चांदी और मोती उसके पंखों में ही रह जाते हैं। 


वह जैसे - तैसे अपने घर पहुंचता है और अपने पंख फड़फड़ाता है तो पूरा घर सोने, चांदी, मोतियों से चमकने लगता है जिसे देखकर तोते का मालिक बहुत खुश होता है। 


लेकिन ये सब कौए का मालिक देख लेती है और उसे ईर्ष्या होने लगती है इसलिए वह भी कौए को कुछ लाने के लिए भेजती है। लेकिन वह मूर्ख कौआ जाता है और जहाँ एक आदमी अपना पेट खाली कर रहा था। उस मे अपने पंख भरकर घर आया है, आते देख मालिक कहता है ले आया मेरा सोना, चांदी...! तभी कौआ अपने पंख फङफङाता है पूरा घर और मालिक का मुंह अपशिष्ट से भर जाता है और बदबू मारने लगता है। 


( इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी की भी उपलब्धि पर उससे ईर्ष्या नहीं करनी करनी चाहिए और एक मूर्ख कौआ तो बिल्कुल नहीं पालना चाहिए ) 



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