"फिर क्या सोचा है तुमनें" "ताई सोच रही हूँ बिटिया को तेजाब से नहला दूँ खूबसूरत ना रहेगी तो कोई बात ... "फिर क्या सोचा है तुमनें" "ताई सोच रही हूँ बिटिया को तेजाब से नहला दूँ खूबसूरत ...
ये कहानी है एक ऐसी परंपराओं की जहाँ पर लड़कियों की ज़िन्दगी सिर्फ घर की चार दीवारी तक ही सीमित रहती है... ये कहानी है एक ऐसी परंपराओं की जहाँ पर लड़कियों की ज़िन्दगी सिर्फ घर की चार दीवारी...