रंगमंच के खिलाड़ी
रंगमंच के खिलाड़ी
झमाझम बारिश के बीच रमली का फोन बज उठा। बीना समझ गई कि आज छुट्टी...
रमली--"बीजी मेरे पैर में बहुत दर्द है दो दिन की छुट्टी। "
बीना--"कोई बात नहीं रमली, अपना ध्यान रखियो।" और बीना जी टी वी चलाकर बैठ गईं। सारे बर्तन एक साइड इक्कठे कर दिए।
दो दिन बाद,रमली ने हाथों में मेहंदी नई चूड़ियाँ पहने लेकिन जबरदस्त आह भरते घर मे प्रवेश किया। सामने बेड पर बीना जी को कराहते सुन पूछा "अरे बीजी क्या हुआ?"
"कुछ नहीं रमली, कल इतने मेहमान आ गए थे कि एक मिनट बैठने की फुर्सत नहीं मिली। देख तो कितने बर्तन हो गए।"
रमली--"मैं अभी कर देती बीजी ....आप चिंता न करो।"
दोनों एक दूसरे के अभिनय को समझ रहीं थीं,रमली अंदर चली गई बर्तन माँजने और बीना टी वीके सामने।
सफलता से जिंदगी के रंगमंच का एक एपिसोड निभाकर दोनों मुस्कुरा रहीं थीं।
