पता भी नहीं चला।
पता भी नहीं चला।
एक बार एक बनिया एक ब्राह्मण के यहाँ अनाज तुलाने गया। काँटा लगा के पसेरियों (पसेरी = ५ सेर) में गिनने लगा कि कितना अनाज तुल गया है। साथ में बनिये का ८-९ साल का लड़का भी आया था। वह जब अनाज के पास आने लगा तो ब्राह्मण ने उसे एक लात मार दी। बनिये ने कहाः
"बाम्हन मारी लाता
लगी कहाँ कुशलाता
बावन ते बयालिस हैं, बयालिस हैं।"
यानी कि बनिये ने बच्चे से कहा कि ब्राह्मण ने तुम्हें लात मारी, लगी तो नहीं, कुशल तो है। और ब्राह्मण को त्वरित दंड भी दे दिया, बावन पसेरी की बयालिस ही रह गईं। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि ब्राह्मण को पता भी नहीं चला।