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कुमार संदीप

Children Stories

3  

कुमार संदीप

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परीक्षा

परीक्षा

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मोनू परीक्षा से लौटते ही मायूस होकर घर के एक कोने में बैठकर रोने लगा।माँ भी मोनू की आँखों में आंसू देखकर सहसा रोने लगी और चिंतित हो गई।फिर माँ ने कहा"बेटा क्या हुआ तुझे,तेरी आँखों में आंसू क्यूं?" बेटे ने कहा"माँ परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों में अधिकांश प्रश्नों के उत्तर मुझे नहीं आ रहे थे!"सभी प्रश्नों का उत्तर सही-सही मैं नहीं दे पाया।परीक्षा परिणाम बेहतर नहीं आया तो पापा की डांट तो निश्चित ही पड़ेगी और साथ में दोस्त भी हँसेंगे मुझ पर।माँ ने कहा"बेटे मायूस मत हो।मैं तेरे पापा को समझा दूंगी।पर एक बात हमेशा याद रखना बेटे की परीक्षा की तैयारी के लिए एक निर्धारित समय विद्यार्थियों को दिया जाता है।और समय को महत्व हमें अवश्य देना चाहिए।यदि तुम पूरे वर्ष अच्छे से परीक्षा की तैयारी करते और समयानुसार पढ़ते तो आज मायूस नहीं होना पड़ता।और एक बात और परीक्षा स्वंय को परखने का एक अवसर है।मायूस और निराश होने की बजाय आगे की रणनीति बनाओ बेटा।अब,साल भर कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ना।देखना परीक्षा परिणाम बेहतर आएगा।आगे से तुझे मायूस भी नहीं होना पड़ेगा।सब कुछ ठीक होगा!"बेटे की आँखों से बहते आंसू सहसा रुक गए।और आगे से कड़ी मेहनत और समयानुसार पढ़ने की प्रण मोनू ने ली।





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