अजब निराली रीत है,कलयुग तेरे द्वार। अजब निराली रीत है,कलयुग तेरे द्वार।
पथ के चौराहे पर हरी बत्ती की आस लिये नजरें पथरा जाती पर लाल रंग बमुश्किल ही पथ के चौराहे पर हरी बत्ती की आस लिये नजरें पथरा जाती पर लाल रंग बमुश्किल ही
बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाकर, इंकलाब लाना ही हो... बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाक...
"ये लो मेरा शादी का कार्ड,नेहा ने अपने पर्स से एक कार्ड देते हुए कहा। "ये लो मेरा शादी का कार्ड,नेहा ने अपने पर्स से एक कार्ड देते हुए कहा।
दोनों स्कूल की छत पर जाने वाली सीढ़ियों के आखिरी सिरे पर अपनी नोटबुक के कुछ पन्ने फाड़, उन्हें किसी फू... दोनों स्कूल की छत पर जाने वाली सीढ़ियों के आखिरी सिरे पर अपनी नोटबुक के कुछ पन्ने...