समय
समय
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) समय
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1)
अजब निराली रीत है,कलयुग तेरे द्वार।
घर घर दुर्योधन हुये,प्रेम लुटे बाजार।
2)
सूरज फिर से चढ़ गयो,तू क्यों दिखे उदास।
बीता पल ना आयगा,क्यों खोवे जो पास।
3)
श्रम से तू क्यों भागता,प्रतिमा पुण्य तराश।
ईश्वर खुद मिल जायगा,पूरी होय तलाश॥
