पिता कल्पवृक्ष माता अमरबेल
पिता कल्पवृक्ष माता अमरबेल
पिता अगर है कल्पवृक्ष तो माता अमरबेल है।
इन दोनों के कारण अपने जीवन का सब खेल है।
1. मात पिता का सबके जीवन पर होता कर्जा भारी
अगर पिता है पेड़ छांव का तो है पत्ते महतारी
मात-पिता के लाड़ प्यार बिन जग में धक्का पेल है।
इन दोनों के कारण अपने जीवन का सब खेल है।
2. माता पिता के प्यार से उमड़े अपनेपन का सागर है
अगर पिता हैं शीतल जल तो मात हमारी गागर है
मात पिता का साथ नहीं तो समझ उम्र भर जेल है
इन दोनों के कारण अपने जीवन का सब खेल है।
3. मात पिता ही सबसे पहले इस दुनिया में गुरु कहे
ये ही चांद सितारे ये ही सबसे प्यारे ध्रुव कहे
मात-पिता बिन जीवन लगता बिन इंजन की रेल है।
इन दोनों के कारण अपने जीवन का सब खेल है।
4. मात-पिता सेवा का अवसर नहीं हाथ से जाने दो
इनकी आंखों में आंसू मत कभी भूल कर आने दो
मात पिता का हर सम दर्जा इनका हर से मेल है।
इन दोनों के कारण अपने जीवन का सब खेल है।