पिरीयड्स के वो चार दिन...
पिरीयड्स के वो चार दिन...
हाँ आप बीती है ...हर महीने की बात है..
लोगों के लिए पाप और शर्म की बात है,
पर मेरे लिए एक परीक्षा ही होती है हर महीने की...
पिरीयड्स के वो चार दिन.....
क्या हैं सैनेटरी पेड.....क्यों है.....
हाँ ... ये तो पता ही होगा ना सबको कि, मासिक धर्म पर औरतें इसे इस्तेमाल करती हैं......
क्यों करती है .... ऐसा क्या होता हैं मासिक धर्म में ....
मासिक धर्म आखिर हैं तो क्या.............?????
मासिक धर्म एक ऐसी कुदरती अवस्था होती हैं, जो सिर्फ औरतों में पायी जाती है,
इस वक्त स्त्री के जिस्म से खून बहता रहता है......और उसी खून को जिस्म से निकलने पर खुद की सुरक्षा के लिए,
और औरों के गंदे नजरिये से बचने के लिए वो सैनेटरी पेड इस्तेमाल करती है.....अब बहुतों को जान ना होगा कहाँ से....
तो हाँ....मुझे बताने में कोई शर्म नहीं होगी की "उसके प्राइवेट पार्ट " से.....किसी को दो दिन....किसी को चार दिन....किसी को सात ....तो किसी को दस दिन......ये एक गंदगी होती हैं जिस्म में जो बह कर निकल जाती है.....
हाँ ...उस वक्त हर औरत एक ऐसे मानसिक और शारीरिक दौर से गुजर रहीं होती हैं, जिस वक्त उसे किसी के सहारे की बहुत जरूरत होती है.......
उस वक्त वो ऐसे दर्द से गुजरती जो एक " हार्ट अटैक" से कुछ कम नहीं होती...
कभी किसी मर्द का हाथ जरा सा कट या छिल जाए तो....पूरी दुनिया सिर पर उठा लेता है....और ताने उपर से कि, "घर में बैठ के मुफ्त की रोटी का ".....
औरतें ऐसे वक्त भी अपना सारा परिवार सँभाल लेती है.....फिर भी कुछ कहाँ करती है वो.....
मगर मर्दों के लिए तो औरतों का ये प्राइवेट पार्ट तो सिर्फ अपने भोग के लिए पसंद हैं....और कुछ नहीं...
हर मर्द मंच या सोशल मीडिया पर औरतों के सुरक्षा हेतु बड़ी-बड़ी बाते तो करता हैं.....मगर उसकी सोच क्या हैं....
सिर्फ वो हर मर्द गुनहगार नहीं हैं जो औरतों का बलात्कार करता है,
बल्कि वो हर मर्द भी गुनहगार हैं जिस के लिए औरत सिर्फ एक मात्र चीज होती हैं.......मतलब सिर्फ औरत....
सैनेटरी पेड की सच में औरतों के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि, उनके लिए होना चाहिए....जिनकी सोच की गंदगी हर पल उनके दिमाग से बहती रहती हैं....मेरे लिए वो हर मर्द --मर्द कहलाने के योग्य नहीं हैं जो औरत के जजबातों को कुचल के रख देता हैं....और वो खुद सही होने का दावा करता हैं.....
मेरी बातों से बहुत से लोग सहमत नहीं होगे....और कुछ सिर्फ सहमत होने का दिखावा करेंगे.....ऐसे लोगों के लिए मेरी बस एक ही सलाह है..... "भाड़ में जाए "........