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Sapna K S

Others

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पापा की परी...

पापा की परी...

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अक्सर हम लड़कियों को पापा की परी कह कर चिड़ाया जाता है। हाँ, शायद सच भी होगा के हमेशा हम पापा की परीयाँ ही रहती है। ..

बहुत ही लॉजिकल सी बात है। इसके पीछे भी...एक मर्द अपने बचपन में हर प्रकार की शैतानियाँ, जिद्द करता है। कुछ बड़े होकर फिर बचकानियाँ,

जैसे कुछ तो ऐसे होते है। कि बाइक पर निकलो और जहाँ घूम लो, कुछ अपने ही खयालों की हमसफर को हर कहीं ढूँढ़ने में वक्त निकाल लेते है।

फिर वो वक्त आता है। कि, वह अपने कैरिअर पर ध्यान दे, अपने परिवार की जिम्मेदारियाँ सँभाल ले, इन सब से कुछ पाने की कोशिश चलती रहती है। कि, उनकी शादी करा दी जाती है।

कई लोगों की अपनी पसंद तो फिर कई लोगों की हमसफर उनके परिवार वाले लाते है। फिर क्या एक और नई शुरुआत यहीं से होने लगती है। वो जिम्मेदारियों में इतना अटक जाता है कि, अपना सबकुछ कहीं पीछे छोड़ता चला जाता है। फिर कभी, कभी अपनी थकान और परेशानियों छुपाने के लिए शराब या सिगरेट का सहारा लेने लगता है। फिर होश नहीं रहता है के कब कहाँ और कैसे...फिर उसके जीवन में उसकी संतान आती है।

लड़का हुआ तो कुल का वंश आ गया समझकर वो अपनी सारी परेशानियों को उस बेटे के भविष्य से जोड़ लेने की ख्वाहिशें करता है।

उसका मानना हो जाता है कि कल उसका बेटा बढ़ा होकर सब सँभाल लेगा क्यूकि, उसे अच्छे से पता होता है। कि उसने भी यही किया है।

लेकिन जब उसके घर बेटी आती है ना तब वो उसका स्वागत यह कहकर करता है कि, घर पर माँ लक्ष्मी आयी है।

उस बेटी में वह कहीं ना कहीं अपना सर्वस्व अपनी इज्जत अपने माँ की परछाई पाता है। वो जाने अनजाने ही उस बेटी को पुजता चला जाता है।

अपनी हर गलती और गुनाह को छोड़ देता है। या पूरी कोशिश करता है कि अपने बेटी के सामने उसकी इज्जत ना चली जाए, वो हर गलती से डरता है के जिस से बेटी को कभी दुख पहुँचेइसी लिए वो कितना बुरा भी क्यू ना हो लेकिन हमेशा एक सभ्य पुरुष की छाया अपने बेटी पर रखता है।

हर बुराईंयों से उसे हर पल सावधान रखता है और बचाता रहता है। जैसे सिर्फ और सिर्फ एक मीठा फल देनेवाला पेड़ होता है न, जिस में एक भी काँटा ना हो, इसी कारण वो हर वो खुशी उसे देता चला जाता है और सोचता है के मेरे बाद शायद उसे ये सब ना मिले, जब मैं ना रहूँ तब भी मेरे बेटी को कभी किसी चीज की कमी ना हो..और उसे भरोसा होता है कि उसकी बेटी एक ऐसे परी है। जो मायके और ससुराल के अच्छे हो या बुरे सारे परिस्थितियों को पल में सँभाल लेगी, कभी अपने पापा का सिर ना झुकने देगी...और हम लड़कियाँ जब तक अपने घर पर रहती है।

सोचती है के दुनिया सबसे अच्छी है। जहाँ कोई भी बुराई नहीं है। उसके पापा दुनिया के सबसे बड़े सुपर हीरो है। जो हर प्रोब्लम्स को छुटकी में हल करते है। वो हर मर्द में पहले अपने पापा की परछाई तलाशती है, अगर उसे वो पापा सी केअर मिल जाती है। तो वो खुश होती है।

वो चाहने लगती है कि उसे भी उसके पापा जैसे ही एक सभ्य पुरुष जैसा एक सुपर हीरो ही जीवनसाथी मिले ,जो उसे हर दुख और परेशानियों से सँभालकर रखें...लेकिन पापा की परी ये कहा जानती है कि, एक मर्द सुपर हीरो तभी बनता है जब उसकी अपनी परी उसके पास हो......



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