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Tarannum Niyaz

Others

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फूलों की प्रशंसा

फूलों की प्रशंसा

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फूल किसे प्यारे नहीं लगते ? उन्हें देखते ही किसका हृदय नहीं खिल उठता ? उनकी रंग-बिरंगी, श्वेत, नीली, पीली, लाल पंखुड़ियों को देखकर किसका हृदय गदगद नहीं हो उठता? उनकी सुगंध किसके मन में नहीं बस जाती ? तभी तो कवियों को जितनी प्रेरणा फूलों से मिली है उतनी शायद ही और कहीं से मिली हो।

संस्कृत और हिंदी की कविताएँ तो कमल की उपमाओं से भरी हैं। पद-पंकज, कर कमल आदि की भरमार तो है ही, कुमुदिनी, चंपक, केतकी आदि की उपमाएँ भी स्थान-स्थान पर अंकित हैं। भारतीय संस्कृति में कमल को सबसे सम्मानित स्थान दिया गया है। भारत का राष्ट्रीय फूल भी कमल ही है। फूलों की सुगंध से मन प्रसन्न हो जाता है। उनके कोमल स्पर्श से त्वचा को सुख मिलता है। उनके सुस्वादु मकरंद से जीभ को आनंद प्राप्त होता है। उनसे गुलकंद और दवाएँ बनाई जाती हैं। उनसे अर्क और इत्र निकालते हैं। गोभी जैसे फूल को खाने के काम में लाते हैं। फूलों को पूजा-स्थलों पर चढ़ाते हैं। लोग शुभ अवसरों पर एक-दूसरे को फूल उपहार में देकर कामना करते हैं कि 'आपका जीवन फूलों जैसे सुंदर बन जाए !' फूल कितने ही प्रकार से हमारे लिए उपयोगी हैं। हमारे लिए फूल भले ही इतने उपयोगी हों, किंतु सबसे अधिक उपयोगी तो वे उन पौधों के लिए ही होते हैं, जिनमें वे लगते हैं। वास्तव में फूल फल का पूर्व रूप है। जैसे कोई अमूल्य कोमल पदार्थ रूई या रेशम में लपेटकर रखा जाता है, वैसे ही पौधे का आवश्यक भाग अर्थात भावी फल कोमल पंखुड़ियों में लिपटकर सुरक्षित रहता है। वैज्ञानिक रूप से देखें, तो फूल नए पौधों के लिए बीज बनाने में सहायता करते हैं। इस कार्य में उनकी सहायता विभिन्न कीट-पतंगे करते हैं। जैसे- मधुमक्खियाँ, भँवरे आदि। इन्हें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ही फूल इतने रंग-बिरंगे और सुगंध वाले होते हैं।

फूलों की सुंदरता और सुगंध से मानव सदा ही प्रभावित रहा है। वसंत का मौसम इसलिए ही सर्वाधिक सुंदर माना गया है क्योंकि इस ऋतु में सर्वत्र फूल ही फूल दिखाई देते हैं। कुछ फूल दिन में खिलते हैं और कुछ रात्रि में। एक बात यह भी ध्यान देने योग्य है कि बेला, चमेली आदि श्वेत पुष्प प्रायः रात्रि को खिलते हैं। इसका कारण यह है कि रात्रि में रंगदार फूलों का रंग नहीं दिखाई देता परंतु श्वेत पुष्प दिखाई देते हैं। फूल मानव-जीवन के कलात्मक पक्ष का एक अंग है। फूलों को सजाना और उनको निहारना मानव को पशुओं से अलग करता है। फूल मानव को यह याद दिलाता है कि जीवन भले ही कितना ही छोटा क्यों न हो, वह सुंदर और उपयोगी होना चाहिए।


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