फेयरवेल पार्टी
फेयरवेल पार्टी
छात्रावास में रहने का अनुभव ही अनुपम होता है । फिर VNIT छात्रावास तो हमेशा से ही चर्चा में रहा है । लेकिन जब से सांस्कृतिक उत्सव संपन्न हुए हैं छात्रावास में अभूतपूर्व शान्ति छा गई है। शांति का राज मुझे तो यही लगता है कि दोनों पक्षों ने बराबरी कर ली है एक पक्ष ने चुनाव जीत लिया दूसरे पक्ष ने सांस्कृतिक उत्सव की ट्रॉफ़ी जीत ली है। यह भी तो हो सकता है कि यह तूफ़ान के पहले की शांति हो ।
मच्छर (रोहित शर्मा ) किसी काम से जूनियर छात्रावास गया था तभी उसका ध्यान सूचना पटल पर गया अरे सूचना पटल पर फेयरवेल पार्टी की सूचना दी गई थी। जैसा कि सभी को विदित है हर साल जूनियर अपने सीनियर्स को फेयरवेल पार्टी देते हैं अतः इस साल भी दिसंबर माह की26 तारीख़ को इसका आयोजन किया जाएगा। सभी से आग्रह है कि ज़्यादा से ज़्यादा अपनी उपस्थिति दर्ज कराए।
मच्छर ने जब इसे पढ़ा तो वह बहुत प्रसन्न नज़र नहीं आया क्योंकि उसे अभी भी तीसरे वर्ष के छात्रों द्वारा चुनाव के समय की गई धोखा धड़ी याद आ जाती है। उसे यह बात हज़म नहीं हो रही कि जूनियर कुछ अच्छा कर सकते हैं। छात्रावास में फिर से सरगर्मियां बढ़ गई है सब जूनियर चाहते हैं इस बार कुछ अलग किया जाए जिससे ये फेयरवेल सबके लिए है यादगार बन जाए।
राहुल और अविनाश ने आज परिसर में सभी जूनियर्स को बुलाया है जिससे समारोह की रूपरेखा अच्छी तरह से तैयार हो जाएं। लेकिन यह क्या पहले से ही मतभेद नज़र आने लगे कुछ लोग कह रहे हैं सीनियर्स को टाइटल दिए जाए,कुछ लोग चाहते हैं कि नहीं दिए जाए उनका विचार है इससे कई बार लोगों को बुरा भी लग सकता है।
मच्छर ने भी आज सीनियर्स की मीटिंग बुलायी है वो भी चाहता है कि सीनियर्स भी जूनियर के सम्मान में कुछ प्रस्तुत करे। क्या प्रस्तुत किया जाए इस पर विचार विमर्श चल रहा है क्योंकि परीक्षाएं भी पास है और कैंपस में नौकरियों के लिए कम्पनियों ने भी आना शुरू कर दिया है ।श्रीनिवास तो बिलकुल नहीं तैयार हो रहा लेकिन लंबू बोला अरे यार फिर तो सब अपने अपने रास्ते चले जाएंगे कुछ यादें तो होनी चाहिए जो हमेशा साथ चलें। यह तय हुआ बिना समय गंवाए सब अपनी योग्यता अनुसार एक अच्छी सी प्रस्तुति बनाकर कार्यक्रम में भाग लेंगे श्रीनिवास राव को संचालक और लंबू को सहसंचालक बना दिया गया।
जूनियर्स भी बहुत व्यस्त हो गये हैं ।राहुल ने साज सज्जा ,मंच संचालन, कार्यक्रम सबके लिए अलग कमेटी गठित कर दी है ।वह भी अपनी छवि सुधारने का यह मौक़ा हाथ से जाने नहीं देना चाहता है छात्रावास में उत्सव जैसा माहौल हो गया है ।लेकिन कुछ लड़के ऐसे भी है जो इस आयोजन के ख़िलाफ़ हैं। वो सोच रहे हैं कि कुछ समय के लिए घर चले जाए शम्भू उनका अगुआ है उसकी सोच है जितने कार्यक्रम होते हैं अराजकता के उतना ही रास्ते खुलते जातें है । उसने भी अपना अलग दल बना लिया है हालाँकि अभी कुछ गिने चुने लोग ही हैं उसमें हैं।
राहुल को ये सब अच्छा नहीं लग रहा था उसने रघु से कहा देखो कैसे लोग है इन्हें कार्यक्रम भी अच्छे नहीं लगते हैं शायद मेरी ही गलती है मुझे चुनाव के समय ग़लत रास्ते पर नहीं चलना चाहिए था शायद उससे ही लोग इतना डरने लगे हैं । रघु बोला तुम भी अब यहसमारोह इतनी अच्छी तरह आयोजित करो सब गिले शिकवे दूर हो जाए और लोग फिर से जुड़ जाए। मैं भी पूरा साथ दूँगा ।तुम चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा ।दोनों दोस्त बातें करते हुए परिसर से बाहर आ गए और सामान ख़रीदने बाज़ार की तरफ़ चल दिए ।
अविनाश और और सुनील इस समय सबसे ज़्यादा व्यस्त थे उन पर सीनियर्स को देने वाले टाइटल्स तैयार करने की बहुत बढ़ी ज़िम्मेदारी थी । राहुल ने उन्हें पहले ही सावधान कर दिया था कि टाइटल्स इस तरह देना किसी की भी भावनाएँ आहत नहीं हो। वह दो तीन दिन से सीनियर्स के छात्रावास में ही घूम रहे थे जिससे वह सबके बारे में सही जानकारी एकत्रित कर सके ।फ़ेयरवेल की तारीख़ भी समीप ही आती जा रही है ।
शेष अगले अंक में..