मनी इज एवरिथिंग

मनी इज एवरिथिंग

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वाकिंग ट्रैक पर रश्मि के आगे - आगे चार दोस्त अपनी मस्ती में बतियाते हुए चल रहे थे ।ठहाकों पर ठहाके गूँज रहे थे । तभी किसी का मोबाइल बजा तो वो हैन्ड फ्री करके बात करने लगा।


" अरे स्वीटी सुन ना , तूने जो उस लङ़की का विडिओ मुझे भेजा था। वो वापस भेज ना मुझसे डिलीट हो गया यार।"


"क्या करेगा ...?"


"अरे कुछ नहीं, बहुत प्यारा गाती है। उसे बस सुनना है ।वैसे दो तीन ओर विडिओ भी भेज ..।तेरे पास नहीं हो तो उसी से मंगवा लेना।"


"क्यों...?"


"अरे यार... कहना, हम उसे कार्निवल में बुलाना चाहते हैं।"


"चल झूठे...वैसे भी वो बहुत चूजी है।वो नहीं आएगी।"


"अरे यार.... क्यों नहीं आएगी ।वैसे भी मनी इज एवरीथिंग।"


"इस गलतफहमी में मत रहना कि मनी इज एवरीथिंग क्यों कि वो प्रोग्राम सिर्फ पैसे के लिए नहीं करती ।कार्यक्रम बहुत सोच- समझ कर करती है और किसी भी तरह की बतमीजी वो बर्दाश्त नहीं करती ।तेरे छिछोरे दोस्तों के कार्निवल में वो आएगी...माय फुट "कहते हुए उधर से लङ़की ने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। 


"अरे यार....सुन तो" उसने कहा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो साथ वाले तीनों दोस्तों ने ठहाका लगाया।


"ओय , मनी इज एवरीथिंग की औलाद....जरा रस्पेक्ट करना सीख औरतों की और लङकियों की....।"


वो कुछ बोला नहीं पर उसका खिसयाया हुआ चेहरा बहुत कुछ बोल रहा था।


रश्मि ने सकून की सांस लेकर दोहराया " मनी इज नॉट एवरीथिंग " और तेज कदमों से उन लङ़कों से आगे निकल गई।



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