मेरी ख़ुशी
मेरी ख़ुशी

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मेरी खुशी का पल वही है ,
जिसमे मेरे अपने हँसते रहे..
गम के चादर उनसे कोसों दूर रहे....
हमेंशा हँसे ओर खुश रहे....
यही मेने दुआओं में मांगा हैं।
या रब ,उन्हें कभी भी आसुंओं का समंदर ना मिले....
ओर ना ही एक आसूं पलको से गिरे ।