मेरी ख़ुशी

मेरी ख़ुशी

1 min
381




मेरी खुशी का पल वही है ,

जिसमे मेरे अपने हँसते रहे..

गम के चादर उनसे कोसों दूर रहे....

हमेंशा हँसे ओर खुश रहे....

यही मेने दुआओं में मांगा हैं।

या रब ,उन्हें कभी भी आसुंओं का समंदर ना मिले....

ओर ना ही एक आसूं  पलको से गिरे ।


Rate this content
Log in