Prince Manish

Children Stories Tragedy Inspirational

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मौत को हारने की शक्ति है इसमें! Short Story About Nature Environment

मौत को हारने की शक्ति है इसमें! Short Story About Nature Environment

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तो हेलो और नमस्कार दोस्तों मैं आज फिर से आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आ गया हूं, मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को इस कहानी से काफी कुछ सीखने को मिलेगा!

तो यह paryavaran par kahani है मनोज नाम के एक 60 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की और उसके परिवार की। जिसमें मनोज की पत्नी और उसके दो बेटे रहते हैं, जिसमें से एक का नाम है शेखर और दूसरे का नाम है अमन। शेखर की शादी हो चुकी है, और उसका एक लड़का भी है लेकिन अमन की शादी अभी नहीं हुई है।

यह पूरा परिवार एक साथ मिलकर रहता है। इन सभी में आपस में बड़ा प्रेम है। यह सभी एक साथ खुशी से रहते हैं। शेखर और अमन दोनों सुबह-सुबह अपने काम के लिए निकल जाते हैं। और शाम रात तक दोनों घर वापस आ जाते हैं।

सभी की तरह इनकी भी जिंदगी ऐसे ही आराम से चल रही होती है। लेकिन कहते हैं ना कि जिंदगी मैं हमेशा खुशी ही नहीं होती है कभी-कभी दुख भी झेलना पड़ता है !

तो 1 दिन मनोज की तबीयत अचानक खराब हो जाती है, मनोज का शरीर तेज बुखार से जल रहा होता है, उनको सांस लेने में परेशानी हो रही होती है। उनका पूरा शरीर मानव जैसे काम करना बंद कर देता है, और वे ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।

उनकी ऐसी हालत देखकर उनका पूरा परिवार काफी घबरा जाता है! शेखर और अमन को जैसे ही पता चलता है कि उनके पिता की हालत बहुत खराब है वे दोनों जल्दी से घर आ जाते हैं। थोड़ी देर में वहां घर पर ही डॉक्टर को बुलाया जाता है, डॉक्टर उनका डॉक्टर परीक्षण करने के बाद यह बताते हैं कि इनके फेफड़ों में किसी तरीके की कोई बीमारी है।

जिसके कारण इनको सांस लेने में परेशानी हो रही है, इनको क्या परेशानी है यह तो बड़े हॉस्पिटल में जाकर बड़ी मशीनों से जांच करवानी पड़ेगी, तभी पता चल पाएगा कि इनको क्या परेशानी है? हॉस्पिटल का नाम सुनकर मनोज का पूरा परिवार जैसे काफी घबरा जाता है।

लेकिन वे सभी और देरी ना करते हुए उनको हॉस्पिटल लेकर चले जाते हैं। हॉस्पिटल जाकर कुछ समय के परीक्षण के बाद यह पता चलता है कि उनके फेफड़े कमजोर हो चुके हैं! और इसलिए उनको सांस लेने में परेशानी हो रही है और वह ठीक से सांस नहीं ले पा रहे हैं!

डॉक्टर ने उनके परिवार को यह तक कह दिया था कि अब उनकी जान बचा पाना थोड़ा सा मुश्किल है! यह सुनते ही उनके पूरे परिवार के ऊपर जैसे दुख का बादल छा जाता है। डॉक्टर अपनी कोशिश करके मनोज का इलाज करते हैं और कुछ दवाइयों के सहारे उनको घर भेज देते हैं।

मनोज की हालत उस समय तो ठीक हो जाती है, लेकिन फिर भी उनको सीने में दर्द और सांस लेने में थोड़ी सी परेशानी होती रहती है। डॉक्टर की वह बात से मनोज का पूरा परिवार सदमे में होता है, उनको वह डॉक्टर की बातों पर भरोसा ही नहीं हो रहा होता है 

जब धीरे-धीरे मनोज को इस बात का पता चलता है, तो उनको बहुत बड़ा झटका लगता है, उनको भी यकीन नहीं हो रहा होता है कि वे अब ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाएंगे! पूरे परिवार की खुशी जैसे ही एक झटके में गायब हो जाती है। पूरे घर में सिर्फ उदासी का माहौल बना रहता है।

कुछ दिन ऐसे ही दुखी के माहौल में बीत जाते हैं, उनके सीने में अभी भी दर्द होता है, और सांस लेने में भी थोड़ी थोड़ी परेशानी होती है। उन्होंने पूरी तरीके से मान लिया था की वह सिर्फ कुछ दिनों तक जिंदा रह पाएंगे!

उन्होंने यह सोचकर आपने सारे रिश्तेदारों को फोन करवाया, और उनको आखिरी बार मिलने के लिए बुलाया, धीरे-धीरे करके सारे रिश्तेदार मिलकर चले जाते हैं, यह सब देख कर मनोज के परिवार मैं और उदासी छा जाती है!

अगले दिन मनोज के सारे मित्र उनसे मिलने के लिए आते हैं, उनकी हालत देखकर उनके सारे मित्र कौन है हौसला देने की कोशिश करते हैं और साथ ही डॉक्टर की बातों को अनसुनी करने के लिए भी कहते हैं! लेकिन मनोज तो डॉक्टर की बातों को गंभीरता से अपने मन में बिठा चुके थे!

फिर उनके मित्र मनोज से कहते हैं कि - तुम्हें कुछ समय के लिए कहीं बाहर घूम कर आना चाहिए, क्यों ना तुम ऐसा करो कि हमारे साथ चलो? हम सभी कल यहां से थोड़ी दूर एक बहुत सुंदर घाटी देखने जा रहे हैं, तो तुम्हें भी हमारे साथ चलना चाहिए।

मनोज सोचते हैं कि क्यों ना आखरी के समय में अपने दोस्तों के साथ ही घूमने चला जाऊं! लेकिन उनकी तबीयत को देखकर मनोज के परिवार वाले उनको जाने से मना करते हैं, लेकिन मनोज मानने को तैयार नहीं थे।

अगले दिन मनोज और उनके मित्र कुछ सुंदर घाटी को देखने के लिए निकल पड़ते हैं। वहा पहुंच कर मनोज कुछ सुंदर प्राकृतिक दृश्य को देखकर इतनी हैरान रह जाते हैं , उनको ऐसा लग रहा होता है कि उनको एक नई ताकत अंदर से मिल रही है।

वहां की हवा, मिट्टी की खुशबू, और पेड़ों की हिलने की आवाज से उनका शरीर जैसे पूरी तरीके से नया हो जाता है। उनको ऐसा लग रहा होता है जैसे कि कोई एक नई ताकत उनके शरीर को अंदर से मजबूत कर रही है।

वे कुछ देर अपने दोस्तों के साथ उस पूरे घाटी का एक भ्रमण करते हैं, और फिर घर से लाया हुआ खाना खाते हैं आज फिर वही पर बैठ कर बात करते रहते हैं। उनमें से कोई भी मनोज की बीमारी के बारे में बात नहीं कर रहा होता है, क्योंकि उस सुंदर प्राकृतिक दृश्य को देखकर सब यह भूल जाते हैं कि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी है!

उस समय मनोज के अंदर एक नई ऊर्जा आ चुकी थी, थोड़ी देर बाद में अपने दोस्तों से कहते हैं कि चलो एक बार फिर से इस पूरी जगह का एक बार और भ्रमण करते हैं ! शाम को सब अपने अपने घर वापस आ जाते हैं।

घर में सभी लोग मनोज के आने का इंतजार कर रहे होते हैं क्योंकि उनको मनोज की चिंता हो रही होती है। शाम को जब मनोज वापस अपने घर आते हैं तो वह उस जगह की सुंदरता की बहुत ज्यादा तारीफ करते हैं, वे बताते हैं कि हमने वहां का कई बार भ्रमण किया, वह जगह बहुत अच्छी है हम सभी लोग वापस किसी दिन और वहां चलेंगे।

इसी तरह वे उस सुंदर जगह की तारीफ लगातार करते रहते हैं। फिर शेखर पूछता है कि वहां आपको किसी तरीके की कोई परेशानी तो नहीं हुई थी ना! तब मनोज को याद आता है उनके बीमारी के बारे में।

वे कहते हैं कि उस सुंदर जगह को देखकर मैं अपनी सारी चिंता जैसे भूल गया था, वहां की हवा मिट्टी मैं जैसे कोई नया जादू है जो आपको स्वस्थ बना देती है। और उसी दिन मनोज को यह भी ध्यान आता है कि उन्हें अपनी प्रकृति से जुड़े हुए काफी दिन हो चुके थे।

लेकिन जब काफी समय बाद मनोज अपनी प्रकृति के पास जाते हैं तब उन्हें पता चलता है कि हमारी प्रकृति में कितनी ताकत है। वे अपने परिवार वालों को बताते हैं कि जब मैं वहां घूम रहा था तब मुझे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही थी !

ना ही सीने में दर्द था और ना ही सांस लेने में कोई परेशानी हो रही थी। बल्कि मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं पहले से भी ज्यादा स्वस्थ हूं।

जब मनोज के समझ में यह बात आई कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए अपनी प्रकृति से भी जुड़ना आवश्यक है, जो व्यक्ति अपनी प्रकृति से जुड़ा हुआ होता है वह कई प्रकार की बीमारियों से बचे जाता है।

तब से मनोज ने अपने घर के पास वाले बगीचे में और कई प्राकृतिक जगहों में घूमना शुरू किया। जिससे उनकी स्वास्थ्य जल्दी जल्दी ठीक होने लगी। सभी लोग उनकी ठीक होती स्थिति को देखकर हैरान हो गए थे, कि जिनको डॉक्टर ने मना कर दिया था कि यह सिर्फ कुछ दिनों तक ही जिंदा रह पाएंगे। वह व्यक्ति इतना स्वस्थ कैसे है ?

तो दोस्तों इस कहानी से मैं यही बताना चाहता हूं कि, हमारी प्रकृति में काफी शक्तियां हैं। बस उनको पहचानने की देरी है। प्रकृति से जुड़े हुए व्यक्ति को कभी भी किसी तरह की कोई बीमारी नहीं हो सकती, वह व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहेगा, और उसकी आयु भी लंबी होगी।


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