Hrishita Sharma

Children Stories Comedy

4.2  

Hrishita Sharma

Children Stories Comedy

लाला और तोता

लाला और तोता

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एक गांव में एक कंजूस लाला रहता था वह गांव वालों को ज्यादा दाम में अनाज बेचकर उनसे धोखा करता था। उसके घर में उसकी पत्नी और उसका पालतू तोता भी था। तोता बोलने वाला था और  उसके बचपन का साथी था इसलिए लाला उससे विशेष स्नेह करता था यह बात लाला की पत्नी को बिल्कुल पसंद नहीं थी। लाला जब भी घर पर होता तो तोते से बातें करता रहता। उस तोते की एक‌ खासियत थी कि वह जो बातें सुनता उन्हें दिनभर दोहराता रहता इससे लाला को भी खबर रहती की उसके पीछे घर में क्या हुआ था। एक रोज़ एक मनिहार (चूड़ी बेचने वाला) आया लाला की पत्नी ने उससे चूड़ियां ख़रीदीं कि तभी पड़ोसन ने कहा-  कि "भाभीजी की कलाई गोरी हैं" यही बात तोते ने सुनी और जब शाम को लाला घर आया तो तोते ने उससे कहा कि "भाभीजी की कलाई बहुत सुंदर है।" जब लाला ने अपनी पत्नी से पूछा कि आज कौन आया था तो उसने चूड़ी वाले के बारे में बताया अब लाला को अपनी पत्नी पर शक होने लगा। धीरे-धीरे यह बात लाला की पत्नी समझने लगी और तोते को घर से बाहर निकालने का विचार करने लगी। अब लाला की पत्नी को तोता जासूस जैसा लगने लगा और उसकी नफरत बढ़ने लगी।

लाला की पत्नी ने तंग आकर यह बात अपनी पड़ोसन को बता दी दोनों ने मिलकर एक उपाय सोचा और तोते की जासूसी से बचने के लिए उसे लाला के साथ दुकान पर भेजना शुरू कर दिया अब तोता रोज़ दुकान जाता और नये लोगों को देखकर नयी-नयी बातें सीखता और फिर बोलता। एक रोज़ लाला की दुकान के के कुछ लोग उसके लालची स्वभाव को लेकर बातें कर रहे थे फिर क्या था तोते ने बातें सुनी और लगा रटने लाला है लालची, लाला है लालची। उस रोज़ तोता सारा दिन यही रटता रहा और सुनने वाले लाला का मज़ाक बनाते रहे। लाला ने खीझ कर दुकान बंद करी और घर की ओर चल दिया। घर पहुंचकर उसने पत्नी को सारा किस्सा सुनाया तो पत्नी ने ताना देते हुए कहा कि और लाड़ करो इसे। अब लाला की पत्नी को लगने लगा कि लाला तोते को घर से बाहर कर देगा लेकिन अगली सुबह लाला का गुस्सा शांत हो गया और वह तोते को लेकर वापस दुकान की ओर चल दिया। लाला की पत्नी अपनी हार पर बहुत दुखी हुई और पड़ोसन के साथ मिलकर दूसरी तरकीब सोचने लगी।

अगली रोज़ उसने तोते के सामने पड़ोसन से कहा - "लाला कहता है कोतवाल रिश्वत लेता है"। एक दो बार यह बात तोते ने सुनी और फिर दुकान जाकर यही रटता रहा। जब यह बात कोतवाल तक पहुंची तो उसे गुस्सा आया उसने लाला को लुटेरा बताकर दंड भी वसूला और उसे डंडे भी लगाए अब लाला को भी तोते से चिढ़ होने लगी। 

लाला ने पत्नी से सलाह मांगी तो उसने कहा कि इस तोते को उड़ा देते हैं लाला ने ऐसा ही किया अगली सुबह जब लाला दुकान जाने को निकला तो गांव के लोग उसे देखकर हंसने लगे और शरारती बच्चे लाला है कंजूस, लाला है कंजूस चिल्लाने लगे तभी लाला ने देखा कि तोता कुछ दूर बैठा यही राग अलाप रहा था अब लाला ने तोते को वापस पिंजरे में बंद कर दिया। 

दिन बीतते गए और तोता यूं ही लाला की पत्नी की बातों को रटता और लाला के लिए मुसीबत खड़ी करता। अब लाला की पत्नी ने लाला से कहा की इसे जंगल में छोड़ आओ लाला ने ऐसा ही किया वहां तोते ने सुना की "राजा का धन मंदिर में छिपाया है" अब वह यह बात रटते हुए वापस अपने मालिक लाला के पास पहुंच गया। लाला ने तोते को देखकर सिर पकड़ लिया।


यह खबर जब राजा के पहरेदारों के कान में पड़ी तो उन्होंने राजा को इसकी सूचना दी राजा ने जांच करवाई तो धन मंदिर से मिला। अब राजा को लगा कि यह सब लाला ने करवाया है उसने लाला और उसकी पत्नी को कठोर कारावास में डाल दिया। 

लाला की पत्नी को लगा की तोते को परेशान करने की वजह से यह सब भगवान का दिया दंड है।

उसने लाला को सब सच बता दिया

उधर तोता आजाद यहां-वहां भटकता और कभी शेर की आवाज निकालकर लोगों को डराता तो कभी गधों को दौड़ा देता‌‌। गांव वालों ने राजा से मदद की गुहार लगाई तो राजा ने तोते को भी कारागृह के पास ही छुड़वा दिया।

उधर लाला को जब यह खबर पता चली तो उसने बुद्धी का उपयोग कर अपनी आज़ादी के लिए तरकीब लगाकर तोते को अपने पास मंगवाया और उसके मिलते ही उसे सिखाया की "चोर रहता जंगल में" और उसे उड़ा दिया। राजा ने यह बात सुनकर अपने विचार पर एक बार फिर विमर्श किया और पहरेदारों को आदेश दिया कि एक बार फिर चोर का पता करें। कुछ दिनों बाद चोर पकड़ा गया और राजा ने लाला और उसकी पत्नी को बहुत सा धन देकर बरी कर दिया। लाला ने राजा को भेंट में तोता दे दिया और अपने घर की ओर चल दिया।


इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी का भी उपयोग गलत मंशा से नहीं करना चाहिए।



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