इंपाॅसिबल लव स्टोरी
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सौंदर्य और सहृदयता से परिपूर्ण, राजकुमारी अदिति(अवन्तिका) राजा अवनेन्द्र की पुत्री व राज्य की उत्तराधिकारी थी ।यशार्थ वीरता और साहस के प्रतीक सेना के एक वीर योद्धा थे ।
सम्राट अवनेन्द्र न्यायप्रिय और दयालु, राजा थे ।
राजकुमारी अदिति अपने विशाल महल में खिड़कियों से सूर्यास्त का अवलोकन कर रहीं थीं। उनका मन उदास था। राज्य के उत्तराधिकारी होने के बावजूद, उन्हें बाहर घूमने की स्वतंत्रता नहीं थी । राजनीतिक षड्यंत्रकारियों के कारण उनके पिता परेशान थे ।
एक दिन, राज्य में एक वीर योद्धा, वीर यशार्थ आया। उनकी वीरता और साहस की कहानियां दूर-दूर तक फैली हुई थीं। सम्राट अवनेन्द्र ने वीर यशार्थ को राज्य की रक्षा के लिए आमंत्रित किया।
वीर यशार्थ ने अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हुए शत्रुओं को पराजित कर ,राज्य की रक्षा कर राजा का दिल जीत लिया । राजकुमारी अदिति वीर यशार्थ के साहस और वीरता पर मोहित हो गईं। धीरे-धीरे, दोनों की मुलाकातें होने लगती हैं और उनके बीच प्रेम पनपने लगता है।
लेकिन उनके प्यार के बीच राजा और राज्य आड़े आ रहे थे। । सम्राट अवनेन्द्र चाहते थे कि राजकुमारी अदिति किसी राजकुमार से विवाह करें। वीर यशार्थ के साधारण वंश के कारण इस रिश्ते से नाखुश थे।
राजकुमारी अदिति ने अपने पिता से विनती की, लेकिन सम्राट अवनेन्द्र अपनी बात पर अटल रहे । वीर यशार्थ ने भी राजकुमारी अदिति के प्यार के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने का फैसला किया।
एक दिन, उस वीर ने सम्राट विक्रमादित्य को चुनौती देते हुए कहा कि एक तरफ उनकी पूरी सेना दूसरी तरफ वे अकेले पर शर्त यह है कि यदि वह युद्ध में जीत जाते हैं, तो उन्हें राजकुमारी अदिति से विवाह करने की अनुमति देनी होगी । सम्राट अवनेन्द्र सहमत हो गये ।
वीर यशार्थ बहुत वीरतापूर्वक युद्ध लड़ा और जीत हासिल की। सम्राट अवनेन्द्र को वीर यशार्थ की वीरता और राजकुमारी अदिति के प्रेम की शक्ति के सामने झुकना पड़ा और उन्होंने अपने वचन व यशार्थ की वीरता का मान रखते हुए राजकुमारी व यशार्थ के विवाह की घोषणा कर वीर यशार्थ को अपने आधे राज्य का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया ।
अंत में, राजकुमारी अदिति और वीर यशार्थ का विवाह शाही साजोसज्जा से संपन्न हुआ। यह एक सच्ची इंपाॅसिबल स्टोरी पाॅसिबल शाही प्रेम कहानी बन गयी थी और यशार्थ की वीरता के गुणगान घर-घर हो रहे थे।