हम आपके हैं कौन

हम आपके हैं कौन

2 mins
579


मैंने तो पूरी ज़िन्दगी तुम्हें सौंप कर अपना सब कुछ तुम्हें दे दिया। दिन हो रात हो, कभी भी हर समय बस आपके सामने हूँ। जब भी पुकारते हो....एक आवाज पर दौड़ी चली आती हूँ। हर लम्हा, हर धड़कन मेरी हर सांस में बस तुम हो। इसलिए जब भी तुम चाहते हो, मैं तुम्हारे लिए समय निकाल लेती हूँ।


जब भी तुम चाहते हो तेरी बाहों में सिमट जाती हूँ, जब भी तुम झिड़क देते हो मैं चुप- चाप आँखें नम किये वापस आ जाती हूँ। जब तुम थक हार कर रात को आते ह़ो तो छोटी छोटी बातों को तूल देकर पुरा घर जैसे सर पर उठा लेते हो। मैं सुबह से पलकें बिछाएं तुम्हारा इंतजार क्या... इसलिए करती हूँ? तुम कभी मुझसे मेरी जरूरत, मेरी इच्छा नहीं पूछते।


मेरी ज़िंदगी में तो बस तुम्हारी अहमीयत ज्यादा है। फिर तुम्हारी ज़िन्दगी में मेरी अहमीयत कम क्यों है या.. है ही नहीं। तुम तो चाँद तारे तोड़ लाने की बात करते थे और आज खुद ही चाँद, सितारों की तरह बस रात को नजर आते हो और आते ही अपने मन का करके सो जाते हो। सालों बीत गयें तुम्हारे साथ, तुम्हारे पास तुम्हारे भीतर बस मैं रहती ऐसा महसुस किये कभी तो तुम सिर्फ मेरे होते।


मैं हूँ, पर खुद मैं नहीं हूँ। बस एक साँँस है जो तेरे नाम से चलती है, एक दिल है जो तेरे नाम पर धड़कता है, अब वो भी थक चुकी है। मैंने तो हर दिन बस सकून और तुम्हारा थोड़ा सा प्यार ही तो मांगा था। तुम तो वो भी न दे सके। तुमने तो खुशहाल ज़िंदगी देने की कसम खाई थी, तुमने तो उबाऊपन वाली ज़िंंदगी दे दी। नहीं चाहिए मुझे ऐसा संसार जिसमें तुम्हारे साथ बिताने के लिए पल ही न हों, जिसमे तुम्हें मेरे लिए समय ही न हो, जिसमें तुम्हें मेरी चेहरे की खोई हुई आभा न दिखती हो।


मैंने तो तुम्हें हर तरह स्वीकार किया, फिर तुमने क्यों नहीं किया? क्यों तुम बस पैसे की धुन में जी रहे हो? तुम मेरा प्यार हो। सब कुछ हो। पर मैं... आज भी नहीं समझी, मैं...तुम्हारे लिए क्या हूँ? तुम मेरा प्यार , लेकिन मैं क्या? सिर्फ तुम्हारे लिए सोने और अपनी इच्छा पूरी करने का सामान हूँं? क्या हूँ मैं? आप आज बता ही दो।


Rate this content
Log in