Charumati Ramdas

Children Stories Action Thriller

4  

Charumati Ramdas

Children Stories Action Thriller

चुक और गेक (भाग-8)

चुक और गेक (भाग-8)

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तो, ऐसे लोगों के साथ क्या किया जाए ? डंडे से मारोगे ? जेल में डाल दोगे ? बेड़ियाँ पहनाकर लेबर कैम्प भेजोगे ? नहीं, मम्मा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। उसने गहरी सांस ली, बेटों को भट्टी से नीचे उतरने का हुक्म दिया, नाक पोंछ कर मुँह हाथ धोने को कहा, और खुद वाचमैन से पूछने लगी कि अब वह क्या करे।

वाचमैन ने बताया कि खोजी टीम अर्जेंट आदेश के अनुसार अल्कराश तंग घाटी में गई है और दस दिनों से पहले नहीं लौटेगी।

“फिर ये दस दिन हम कैसे रहेंगे ?” मम्मा ने पूछा। “हमारे पास तो खाने-पीने का कोई सामान भी नहीं है।”

“ऐसे ही रहोगे,” वाचमैन ने जवाब दिया। “ब्रेड मैं आपको दूंगा, ये खरगोश भी दे दूँगा – छीलकर पका लीजिये। और मैं कल दो दिनों के लिए तायगा जा रहा हूँ, मुझे जालियाँ देखना है।”

“ये तो अच्छा नहीं है,” मम्मा ने कहा। “हम अकेले कैसे रहेंगे ? हम तो यहाँ कुछ भी नहीं जानते। और यहाँ जंगल, जंगली जानवर हैं।”

“मैं दूसरी बन्दूक छोड़ जाता हूँ,” वाचमैन ने कहा, “शामियाने के नीचे जलाऊ लकड़ी है, पानी पहाड़ी के पीछे झरने में। अनाज बैग में, नमक डिब्बे में। और मेरे पास – मैं आपसे साफ़-साफ़ कहता हूँ, आपकी देखभाल करने का समय नहीं है।”

“कितना दुष्ट अंकल है!” गेक फुसफुसाया। “चल, चुक, हम और तुम उससे कुछ कहते हैं!”

“और लो!” चुक ने इनकार कर दिया। “तब तो वह हमें एकदम घर के बाहर ही निकाल देगा। तू ठहर जा, पापा आयेंगे, हम उन्हें सब कुछ बता देंगे।”

“कहाँ के पापा! पापा को अभी बहुत देर है।”

गेक मम्मा के पास गया, उसके घुटने पर बैठा और, भंवे चढ़ाकर, कठोरता से बदतमीज़ वाचमैन के चहरे की ओर देखने लगा।

वाचमैन ने अपना फ़र का चोगा उतार दिया और मेज़ के पास, रोशनी की ओर गया। और तब गेक ने देखा कि चोगे का कंधे से पीठ तक का बहुत बड़ा हिस्सा कट गया था।

“भट्टी से सब्जियों का सूप निकाल लो,” वाचमैन ने मम्मा से कहा। “शेल्फ पर चम्मच और कटोरे हैं, बैठो और खाओ। और मैं अपना चोगे की मरम्मत करता हूँ।”

“तुम मेज़बान हो,” मम्मा ने कहा। “तुम निकालो, तुम ही परोसो। और चोगा मुझे दो, मैं तुमसे ज़्यादा अच्छी तरह पैबंद लगा दूंगी।”

वाचमैन ने उसकी ओर देखा और उसकी नज़र गेक की गंभीर नज़र से टकराई।

“एहे! देख रहा हूँ कि आप जिद्दी हैं,” वह बुदबुदाया, मम्मा की तरफ चोगा बढाया और शेल्फ पर चढ़ गया क्रॉकरी निकालने।

“ये कहाँ पर फट गया ?” चुक ने चोगे के छेद की तरफ इशारा करते हुए पूछा।

“भालू के साथ हाथापाई हो गई। उसने मुझे नोंच लिया,” वाचमैन ने बेमन से जवाब दिया और सूप का बड़ा बर्तन दन् से रख दिया।

“सुन रहे हो, गेक ?” जब वाचमैन बाहर दालान में चला गया, तो चुक ने कहा। “उसने भालू से लड़ाई की है, और शायद, इसीलिये वह आज इतने गुस्से में है।”

गेक ने भी सब कुछ सुना था। मगर उसकी मम्मा का कोई अपमान करे, यह उसे अच्छा नहीं लगता था, हाँलाकि ये ऐसा इंसान था, जो खुद भालू से भी झगड़ा कर सकता था, उससे लड़ाई कर सकता था।


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