ऐसी अपनी वाणी को, विराम देती हूँ, मेरी ऐसी दशा क्यों बनाई। ऐसी अपनी वाणी को, विराम देती हूँ, मेरी ऐसी दशा क्यों बनाई।
भालू भाई भालू भाई, बात सुनो तुम भालू भाई। किसान के कपड़े हमने पहने, रंग बिरंगे कपड़े पहने, शरीर में ... भालू भाई भालू भाई, बात सुनो तुम भालू भाई। किसान के कपड़े हमने पहने, रंग बिरंगे क...
ऐसा समय था जिसमें हमने बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ पाया। ऐसा समय था जिसमें हमने बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ पाया।