बूढ़ा घोड़ा
बूढ़ा घोड़ा
एक जमीदार के चार बेटे थे और एक शानदार नस्ली घोड़ा।
समय के साथ जमीदार और घोड़ा दोनों बूढ़े हो गए।
एक दिन जमीदार का एक बेटा पिस्तौल ले आया और जमीदार को दिखाते हुए बोला, "देखो बापू 'घोड़ा' जर्मनी का है एक बार में सात राउण्ड चल सकता है।"
दूर खड़ा घोड़ा यह सुन रहा था और सोच रहा था 'घोड़ा!! तो फिर वह कौन है?"
कुछ दिन बाद जमीदार का दूसरा बेटा एक बुलेट मोटरसाइकिल खरीद लाया और जमीदार को दिखाते हुए बोला, "देखो बापू 'घोड़ा' इसपर चढ़कर जिधर निकलो अपनी धाक जम जाती है, रफ्तार और ताकत ऐसी की कहीं भी दौड़ा दो कभी थकता नहीं कभी रुकता नहीं।
जमीदार बहुत खुश था मोटरसाइकिल को देखकर।
उधर घोड़ा फिर वही सोच रहा था कि यह घोड़ा है तो मैं कौन हूँ?
कुछ दिन बाद जमीदार का तीसरा बेटा एक थार कार ले आया और जमीदार को दिखाते हुए बोला, "देखो बापू 'असली घोड़ा' 4×4, इसे जहाँ चाहे चढ़ा दो कीचड़ में रेत में चाहे पहाड़ पर। इसकी ताकत के आगे कोई घोड़ा कुछ नहीं।
जमीदार गर्व से हँस रहा था और घोड़ा फिर वही बात दोहरा रहा था, "असली 'घोड़ा' तो हम क्या नकली हैं।
कुछ दिन बाद जमीदार का चौथा बेटा एक लड़की के साथ आया, इनके साथ एक रोबदाब वाला अधेड़ व्यक्ति भी था। वह जमीदार से बोला, "देखो बापू मेरी प्रेमिका, हम जल्दी शादी करेंगे और ये हैं हमारे बापू, अब हम इनके साथ रहेंगे।
"बापू!!, तो फिर हम कौन हैं? जमीदार को जैसे झटका लगा और इस बार घोड़ा हँस रहा था...?