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R.S.MEENA Indian

Children Stories Inspirational

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R.S.MEENA Indian

Children Stories Inspirational

भूख

भूख

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गोलू दूसरे बच्चों को देखकर अक्सर अपने पिता से कहता था..…पापा मुझे भी मिठाई खानी हैं। पिता - छोटी छोटी बात में हठी अच्छी नहीं होती, हर मीठी दिखने वाली चीज़ मीठी नहीं होती। सबसे मीठी तो "भूख" होती हैं। वो कैसे उतावले मन से गोलू पूछता। पिता समझाते- 

इसका वास्ता कभी न कभी जरूर होगा। कुछ वर्ष बाद गोलू थोड़ा समझदार हो गया था। किसी शादी में जाने का न्यौता आया तो पिता किसी काम में व्यस्त होने के कारण उसने गोलू को भेजना उचित समझा। शादी की सुनकर गोलू खुश हो गया। अपने साथियों के साथ वो बारात में रवाना हो गया। ट्रेक्टर की बारात में इधर उधर का नजारा देखते हुए कब 5 घण्टे बीत गए पता भी न चला। ट्रेक्टर से उतरकर सीधे मंदिर पहुंचे जहाँ नाश्ता पानी की व्यवस्था की गई थी। मंदिर में दोनों समधी जैसे मिले और किसी बात को लेकर विवाद छिड़ गया।

गोलू साथियों के साथ नाश्ते के मजा लेना चाहता था। मगर यहाँ तो अब ख़लल पड़ चुका था। जब विवाद लात घूसों में आया, तो गोलू और उसके साथी भागने में ही समझदारी समझी।

लड़ाई से बचकर पास के ग्वार के खेत में पहुँच गए। शाम हो रही थी भूख भी सता रही थी। मगर उम्मीद नज़र नहीं आ रही थी, गोलू शुरू से ही भूख का कच्चा रहा है। आखिर भूख से हारकर गोलू ने कच्चे ग्वार की फलियां तोड़कर खाना शुरू कर दिया। जब पेट भर गया तो पास में कुआँ था वहाँ पानी पीकर लेट गए। ......

सुबह आंख खुली तो घर में पाया, पास ही माँ बाप बैठे थे। पिता हर बात से अवगत थे मगर गोलू से पूछा ... बारात में कुछ परेशानी तो नहीं हुई ... गोलू माँ से लिपटकर रोने लगा .....

पिता की कही बात से वाकिफ़ जो हो चुका था....सबसे मीठी चीज भूख ही होती है ......


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