Vinita Singh Chauhan

Others

3  

Vinita Singh Chauhan

Others

अपराधी

अपराधी

5 mins
239



                सीमा और आलोक जैसे कि एक दूजे के लिए ही बने थे। दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे... सीमा को तो आलोक की सादगी पसंद थी... तो आलोक यह जानता था की सीमा बहुत हुनरमंद है... लेकिन वह सीमा से कभी खुलकर बातें कह नहीं पाता था...


       कई बार सीमा कहती भी थी कि... शादी को काफी वक्त हो गया है लेकिन ऐसा क्यों लगता है कि... आप मुझसे बहुत सारी चीजें छुपा ले जाते हैं....


         रिश्ता तो पानी की तरह होना चाहिए... आलोक.... बिल्कुल साफ, आर पार, पारदर्शी और खिलखिला कर हंस देती...

 

             शादी को 7 वर्ष हो गए दो बहुत प्यारे बेटे गोद में थे‌। दोनों बहुत खुश थे... लेकिन अभी दोनों बच्चों की परवरिश की वजह से सीमा अपने पर ध्यान नहीं दे पा रही थी... समय बीतता जा रहा था..... सीमा के लिए तो जैसे दोनों बच्चे उसकी दुनिया थे... वह जैसे अपने लिए तो जीना ही भूल गई थी... बस दोनों बच्चे और आलोक उसकी जिंदगी बन गये थे।

                   फिर आलोक का ट्रांसफर हो गया और एक नए शहर में आ गए।


    सीमा :- कैसा रहा आपका पहला दिन नए शहर में (चाय के दो कप टेबल में रखते हुए...) 

आलोक :- (उत्साहित होकर...) अरे क्या बताऊं सीमा मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि.. मुझे वहां मेरी क्लासमेट अपूर्वा मिल जाएगी।


         तुमको एक दिन मिलवाऊंगा उससे...

सीमा :- हां हां जरूर...

आलोक :- (फोन पर...) शाम को चाय बना कर रखना मैं अपूर्वा को लेकर आऊंगा...

       सीमा :- जी आलोक


               अपूर्वा ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया सीमा की तरफ... लेकिन ना जाने कुछ तो था जो सीमा को दोस्ती के लिए रोक रहा था....


          खैर देखते देखते 6 महीने बीत गए... अब बच्चे भी स्कूल जाने लगे थे... घर के पास ही रहने वाली पूनम अब सीमा की एक नई दोस्त भी बन गई थी... उसके साथ खूब बातचीत होती थी... कभी-कभी शॉपिंग पर भी दोनों साथ में चली जाती थी।

            एक दिन सीमा पूनम के साथ कॉफी शॉप पर थी सीमा का ध्यान नहीं गया सामने खड़ी हुई कार में आलोक हैं... अचानक से पूनम ने कहा... याद है सीमा एक बार मैंने तुम को बताया था ना मेरी बहन के साथ किसी ने छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी बाद में वह व्यक्ति पकड़ में आ गया था लेकिन उसके बहुत माफी मांगने पर पिताजी ने उसे छोड़ दिया था...


सीमा :- हां पूनम बताया था तुमने तो...

पूनम :- देखो सीमा... वह व्यक्ति कार में बैठा हुआ है... ब्लैक गाॅगल्स में साथ में शायद उसकी पत्नी भी है।

 

          सीमा ने जैसे ही पलट कर देखा... अवाक रह गई... उसके मुंह से यह निकला ही नहीं कि वह उसका हस्बैंड आलोक है...

सीमा :- पूनम तुम्हें कोई ग़लतफहमी तो नहीं हो रही है....


पूनम :- अरे नहीं सीमा....

सीमा :- अच्छा चलो घर चलते हैं... बच्चों के आने का समय हो रहा है स्कूल से...

पूनम :- ठीक है...

 

      तभी सीमा ने देखा आलोक के साथ उसकी वह क्लासमेट अपूर्वा बैठी हुई है...

           सीमा के मन में एक वहम बैठ गया... घर आकर भी वह बिल्कुल चुपचाप रही.. पूनम की बातें उसके दिमाग में घूम रही थी...


        अचानक... उसे ध्यान आया कि... कई बार 15-15 दिन ऑफिस के काम के बहाने बाहर रहते थे आलोक... पूछने पर यही बोल देते थे ऑफिस का काम था.. और इसके अलावा कभी कुछ नहीं बताते थे...

              सीमा बहुत परेशान थी... सोचते सोचते उसकी आंख लग गई। सुबह उठकर फिर वही बच्चों का स्कूल घर के कामकाज वही व्यस्तता.....

 

          लेकिन आजकल आलोक फोन पर बहुत व्यस्त रहते हैं, पूछने पर इतना ही कह देते ऑफिस का फोन था...

            सीमा ने अब अपने स्तर पर पता लगाने की कोशिश की... तो एक बहुत बड़ा कड़वा सच उसके सामने आया... अपूर्वा आलोक की पूर्व प्रेमिका है.. एक दूसरे को पहले से ही प्यार करते थे... सीमा के पैरों तले जमीन खिसक गई... यह नया शहर आलोक के लिए नया नहीं था क्योंकि अपूर्वा इसी शहर में रहती थी और काम के बहाने आलोक उससे मिलने आते रहते थे... और आलोक ने अपना ट्रांसफर बड़े अधिकारियों से मिलकर करवाया है उनका प्रमोशन के साथ तबादला नहीं हुआ था।

         सीमा ज्यादातर मौन रहने लग गई... प्यार की गरमाहट कम होने लगी... कभी कभी तो अब तकरार भी होने लगी थी आलोक से...


           सीमा ने भी एक छोटा सा जॉब देख लिया ताकि वह अपने आप को व्यस्त रख सके... लेकिन दो-तीन साल से ज्यादा जॉब नहीं कर पाई। आलोक की सच्चाई अब जगजाहिर होने लगी थी उसे समझ में आ गया था... वह प्यार और शादी सब कुछ एक दिखावा था। आलोक तो पहले से ही किसी के प्यार में थे। आलोक तो अपराधियों की तरह चेहरे पर चेहरे लगा कर घूम रहे थे... जिसे मैं समझ ही नहीं पाई और मन ही मन उसने अपनी आत्मा से आलोक का त्याग कर दिया‌‌। अब शादी के लगभग 16 साल के पश्चात आलोक एक दिन सीमा को बहुत बुरा भला कहकर घर छोड़कर चले गए...

 

            बच्चे भी अब थोड़े बड़े हो गए तो बच्चों के साथ में ही सीमा अपने घर में रह गयी... पुनः उसने छोटा सा स्कूल ज्वाइन कर लिया था जिससे उसका और बच्चों का खर्चा चल रहा था....

              सीमा ने अपने आप को समझा लिया कि यदि वह तलाक लेती तो भी उसे यही जिंदगी जीना था... और आज आलोक ने घर छोड़ दिया है तो भी वह यह जिंदगी जी रही है... यदि दुर्भाग्यवश आलोक की मृत्यु हो जाती तो भी यही जिंदगी जीनी थी...

          आलोक अपराधी था जिसने बच्चों और सीमा की भावनाओं, प्यार, जज्बात, का कत्ल किया था... और कत्ल किया था कई जिंदगियों का... शायद ऐसे अपराधियों की सजा दुनिया की कोई अदालत मुकर्रर नहीं करती... इनकी सजा तो ईश्वर के अदालत में तय होती है।



Rate this content
Log in