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♥ सुना...

♥ सुना हैं.. उसके शहर में काफ़ी बरसात हो रहीं हैं, तुम_ मेरी डायरी के कुछ लिखे पन्ने फाड़कर उनकी कुछ कश्तियां बनाकर बहा आओ, उसे शायद-ए-शायर फ़िर याद आ जाए फ़र्ज़-ए-दर्द मेरे हमदर्द से मुहैय्या कर आओ..! - ✍ मृदुंग® kshanatch@gmail.com +९१ ७३८७९ २२८४३

By Piyush Khandekar
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