♥ अगर हुनर की कोई उम्र होती तो_ तरक्की और शोहरत रिश्तेदार होते..! - ✍ मृदुंग® kshanatch@gmail.com +९१ ७३८७९ २२८४३
जहां-जहां से टूटा हूं वहां-वहां से समेट लूं, ज़िन्दगी के कुछ पन्ने कहो तो पिछे पलट दूं..! - ✍ मृदुंग® kshanatch@gmail.com +९१ ७३८७९ २२८४३
♥ आज भी मैं कलम से स्याही झटक देता हूं तो, असर काफी दूर तक और गहराई तक होता हैं..! - ✍ मृदुंग® kshanatch@gmail.com +९१ ७३८७९ २२८४३
♥ ओंजळभर प्राजक्त उधळतांना सुगंधाने दरवळण विसरुन जावं, कोमेजून जाणं गुणधर्म फुलांचा तरी ऋतूसह नव्यानं बहरुन यावं..! - ✍ मृदुंग® kshanatch@gmail.com +९१ ७३८७९ २२८४३
♥ सुना हैं.. उसके शहर में काफ़ी बरसात हो रहीं हैं, तुम_ मेरी डायरी के कुछ लिखे पन्ने फाड़कर उनकी कुछ कश्तियां बनाकर बहा आओ, उसे शायद-ए-शायर फ़िर याद आ जाए फ़र्ज़-ए-दर्द मेरे हमदर्द से मुहैय्या कर आओ..! - ✍ मृदुंग® kshanatch@gmail.com +९१ ७३८७९ २२८४३