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ख़ता है, और...

ख़ता है, और वो ख़ुदा भी है, सुना है इश्क़ तो बस पाबन्द-ए-वफ़ा है। पर मुसव्विर मैं धुंधली किस्मत का, शायद यही अब मेरा कहकशां है। - राकेश कुमार

By Rakesh Kumar
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