Hi, I am Rakesh Kumar, an engineer by profession and a poet by passion. I am really thankful to StoryMirror to provide a platform for writers like me. Personal Email: connect.rakesharyan@gmail.com
Share with friendsख़ता है, और वो ख़ुदा भी है, सुना है इश्क़ तो बस पाबन्द-ए-वफ़ा है। पर मुसव्विर मैं धुंधली किस्मत का, शायद यही अब मेरा कहकशां है। - राकेश कुमार
ये रात यहीं थम जाए ऐ काश कभी ऐसा भी हो। तू सिर्फ मुझसे मीले और मैं तुमको मिलूं फिर ये मुख़्तसर मुलाकात जैसा भी हो।