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कभी हम...

कभी हम रूठते रहे , कभी दूसरे रूठते रहे कभी हम उन्हें मनाते रहे , कभी वह हमें मनाते रहे जानते हुये कि ये रिश्ते भी ज़िन्दगी की तरह झूठें हैं फिर भी न जाने क्यों उन्हें ब – खूबी निभाते रहे l नीना घई

By Neena Ghai
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