teacher
Share with friendsकभी हम रूठते रहे , कभी दूसरे रूठते रहे कभी हम उन्हें मनाते रहे , कभी वह हमें मनाते रहे जानते हुये कि ये रिश्ते भी ज़िन्दगी की तरह झूठें हैं फिर भी न जाने क्यों उन्हें ब – खूबी निभाते रहे l नीना घई
आज हम तन्हा रहना चाहतें हैं खुद को समझना चाहतें हैं कहीं चाहते चाहते आपको हम इतना दूर निकल जाना नहीं चाहते कि भूल ही न जायें अपने ही आप को इक आप की चाहत में चाहते चाहते l नीना घई
लोग चाँदनी रातों से बातें करतें हैं अक्सरl हमने तो काली रातों से भी ब -खूबी रिश्ता निभाया है l Neena Ghai
वो एक लम्हा जो ठहर गया मेरी ज़िन्दगी में कुछ इस तरह कि आज तक उसे रुक्सत न कर पाई हूँ मैं l Neena Ghai
यह मत सोच किसने गल्त किया, यह सोच क्यों, कहाँ और कैसे गल्त हुआ ,थोड़ा गहराई में सोच , समाधान ज़रूर ढूंढ लेगा अपने मक़सद को ज़रूर पा लेगा ।यह मत सोच किसने गल्त किया,पनी सोच को बढ़ा,आगे बढ़ ,हिम्मत और हौसला बुलंद रख। Neena Chopra Ghai
कुछ खूबसूरत पल थे जिन्हे याद कर मैं हल्के से मुस्करा बैठी लोग कहने लगे ‘ कोई दर्द छिपा है इस मुस्कराहट के पीछे ‘ उन्हें क्या मालूम इस मुस्कराहट की वजह भरी महफिल में भी मैं अकेली नहीं तूं मेरे साथ होता है, कोई दूसरा नहीं होता । Neena ChopraGhai