Neena Ghai
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कभी हम रूठते रहे , कभी दूसरे रूठते रहे कभी हम उन्हें मनाते रहे , कभी वह हमें मनाते रहे जानते हुये कि ये रिश्ते भी ज़िन्दगी की तरह झूठें हैं फिर भी न जाने क्यों उन्हें ब – खूबी निभाते रहे l नीना घई

आज हम तन्हा रहना चाहतें हैं खुद को समझना चाहतें हैं कहीं चाहते चाहते आपको हम इतना दूर निकल जाना नहीं चाहते कि भूल ही न जायें अपने ही आप को इक आप की चाहत में चाहते चाहते l नीना घई

लोग ज़िन्दगी को सच मानते हैं मैने तो हर किसी को अंत में मौत को ही गले लगाते देखा है l नीना घई

लोग चाँदनी रातों से बातें करतें हैं अक्सरl हमने तो काली रातों से भी ब -खूबी रिश्ता निभाया है l Neena Ghai

इतनी दूर की मत सोच हमसफर को ख़्वाब बना इन आँखों में सन्जोह नींद में सो और मीठे सपने देख l Neena Ghai

वो एक लम्हा जो ठहर गया मेरी ज़िन्दगी में कुछ इस तरह कि आज तक उसे रुक्सत न कर पाई हूँ मैं l Neena Ghai

यह मत सोच किसने गल्त किया, यह सोच क्यों, कहाँ और कैसे गल्त हुआ ,थोड़ा गहराई में सोच , समाधान ज़रूर ढूंढ लेगा अपने मक़सद को ज़रूर पा लेगा ।यह मत सोच किसने गल्त किया,पनी सोच को बढ़ा,आगे बढ़ ,हिम्मत और हौसला बुलंद रख। Neena Chopra Ghai

कुछ खूबसूरत पल थे जिन्हे याद कर मैं हल्के से मुस्करा बैठी लोग कहने लगे ‘ कोई दर्द छिपा है इस मुस्कराहट के पीछे ‘ उन्हें क्या मालूम इस मुस्कराहट की वजह भरी महफिल में भी मैं अकेली नहीं तूं मेरे साथ होता है, कोई दूसरा नहीं होता । Neena ChopraGhai

सावन के इस भीगे मौसम में जी चाहता है कि अगर गरदन झुकाऊॅ तो तेरा ही दीदार हों और अगर दुआ के लिये नभ से ऑख मिलाऊॅ तो कुआस-ए-कुजाह (rainbow ) के हर रंग में तेरा ही दीदार हो । Neena Chopra Ghai


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