कहीं देखा है तुमने उसे जो मुझे सताया करती थी, जब भी उदास होता था मैं मुझे हँसाया कहीं देखा है तुमने उसे जो मुझे सताया करती थी, जब भी उदास होता था मैं ...
जिंदगी के सच में स्वयं को मापती रही.. कितना रुठूं-मनाऊं जिंदगी के सच में स्वयं को मापती रही.. कितना रुठूं-मनाऊं