स्थूल नहीं स्थायी स्थूल नहीं स्थायी
मनुष्य योनि में ही सम्भव है, परमात्मा के स्थूल दर्शन करना।। मनुष्य योनि में ही सम्भव है, परमात्मा के स्थूल दर्शन करना।।