STORYMIRROR

Dipak Mashal

Others

2  

Dipak Mashal

Others

स्थूल नहीं स्थायी

स्थूल नहीं स्थायी

1 min
13.7K


सनद रहे कि वक़्त बदलता है 
 
आगे बढ़ने के साथ साथ 
 
नऐपन के साथ साथ 
 
मामूली-गैरमामूली बातें 
 
फिर-फिर रखी जाती हैं पैमाने पर 
 
छिद्रान्वेषण होता है कालजयी कहाने के लिऐ 
 
हर कला होती है मजबूर 
 
ढलने हेतु साँचे में कलाप्रेमी की पसंद की 
 
बदलते हैं कलाप्रेमी भी 
 
वक़्त की हथौड़ी से 
 
और पसंद भी 
 
फिर भी कला होती है 
 
कलाप्रेमी कालजयी नहीं होते
 
स्वर शब्द धुनें रंग  
 
सब ख़्वाब से हलके हैं 
 
जो कल था वो आज नहीं 
 
जो आज है वो कल प्रिय नहीं होगा 
 
लो फिर वही पुरानी बात 
 
कि स्थूल नहीं स्थायी


Rate this content
Log in