जिसका इंतजार था, जो हमारे कर्म का फल था अगर उसी का पैगाम आ जाए तो फिर कैसा लगेगा...? जिसका इंतजार था, जो हमारे कर्म का फल था अगर उसी का पैगाम आ जाए तो फिर कैसा लगेगा...