चलते-चलते जब भी कभी, मैं थक-सा जाऊँगा, तेरी घर की चौखट पर, अपनी शैय्या लगाऊंगा ! चलते-चलते जब भी कभी, मैं थक-सा जाऊँगा, तेरी घर की चौखट पर, अपनी शैय्या लगाऊंग...
पर वादा करो अंतिम इच्छा पूरी करोगे अगले जन्म भी यही मेरा कबीला हो....... पर वादा करो अंतिम इच्छा पूरी करोगे अगले जन्म भी यही मेरा कबीला हो.......