सारे गुनाह अब रेत के उसी पार होते हैं क्यूँकि मेरे शहर में अब बस शुतुरमुर्ग बसते हैं।। सारे गुनाह अब रेत के उसी पार होते हैं क्यूँकि मेरे शहर में अब बस शुतुरमुर्...
चुलबुली और थोड़ी चालू सी थी, दिल लुभाने में माहिर सी थी, न जाने एक रात वो मिल गई, इस बंजर दिल पे ... चुलबुली और थोड़ी चालू सी थी, दिल लुभाने में माहिर सी थी, न जाने एक रात वो मिल ...