मन में कष्टों को बंधी किए, जीवन की एक उमंग हूं मैं, पुरुष हूं मैं। मन में कष्टों को बंधी किए, जीवन की एक उमंग हूं मैं, पुरुष हूं मैं।
मेहनत करके अनाज उगाए फिर भी मिले तिरस्कार। मेहनत करके अनाज उगाए फिर भी मिले तिरस्कार।