अपनी कूंची के रंगों से रंग दो धरती को फिर एक बार ओ चित्रकार ओ चित्रकार। अपनी कूंची के रंगों से रंग दो धरती को फिर एक बार ओ चित्रकार ओ चित्रकार।
प्रकृति के समीप रहिए, हरित सुन्दरबन देखिए, पंछियों का गान सुनिए! प्रकृति के समीप रहिए, हरित सुन्दरबन देखिए, पंछियों का गान सुनिए!